महिला के गर्भाशय में या उसके आस पास गांठ, सिस्ट अथवा सूजन जैसी कई अनेक तरह की समस्या बन सकती है जो सामान्य होती हैं परन्तु इनमे से कुछ घातक भी हो सकती हैं| अंडाशय में कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं जिनमे गांठ या सूजन बन जाता है, ऐसी ही एक बीमारी है hemorrhagic सिस्ट जिसको हिंदी में “रक्तस्रावी पुटी” कहा जाता है |
इस बीमारी में अधिक खून निकलने की वजह से इसको रक्तस्रावी कहा जाता है| इससे प्रभावित लोगों के लिए यह काफी असुविधा और चिंता का कारण बन सकता है | इसलिए इस बीमारी का अर्थ समझना, ये कैसे बनते हैं, और इसके लिए कौन से उपचार उपलब्ध हैं, यह सब जानना आपकी चिंता को कम कर सकता है| आज हम लोग इस बीमारी के बारे में गहरायी से चर्चा करेंगे ताकि इससे जुड़े हुए भ्रम दूर हो जाये |
क्या होता है रक्तस्रावी सिस्ट?
अंडाशय में कभी-कभी थैली जैसी गांठें बन जाती हैं, जिन्हें सिस्ट कहते हैं और ज्यादातर यह नुकसानदेह नही होती, लेकिन कभी-कभी इनके अंदर की छोटी खून की नली फट जाती है तब इसे रक्तस्रावी सिस्ट या हेमोरेजिक ओवेरियन सिस्ट कहते हैं| ऐसा होने पर अंडाशय से निकलने वाले अंडे ओवुलेशन के दौरान निकलते हैं और तब पेट के निचले हिस्से में दर्द होने लगता है और खून बहने लगता है|
यह स्थिति तब और भी गंभीर हो जाती है, जब यह सिस्ट पूरी तरह से फट जाती है, जिससे बहुत ज्यादा खून बह सकता है| अंडाशय की गांठ का फटना इस बीमारी की सबसे खतरनाक जटिलता होती है अगर इसका इलाज समय पर न किया जाए, तो इससे खून की कमी एनीमिया हो सकती है, जो की जानलेवा भी हो सकती है| इसलिए अगर आपको पेट मे तेज दर्द और असामान्य खून बह रहा है, तो इसको तुरंत संज्ञान में ले कर किसी अच्छे से डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें|
रक्तस्रावी सिस्ट के लक्षण
रक्तस्राव सिस्ट के लक्षण महिलाओं में काफी अलग-अलग हो सकते हैं| हो सकता है की कुछ महिलाओं को तो शायद कोई लक्षण भी महसूस न हों और उन्हें इस बारे में पता भी तब चले जब वे किसी और अन्य कारण से जांच कराएं| लेकिन, कुछ महिलाओं में कुछ ऐसे लक्षण है दिखाई दे सकते हैं, जैसे कि –
- ज्यादा मात्रा में खून का बहना
- पेट में दर्द या पेट का फूलना
- बांझपन होना या गर्भवती होने में परेशानी होना
- पेट के निचले हिस्से में भारीपन
- कमर दर्द और पेल्विक दर्द, पीठ या पेट के निचले हिस्से में दर्द होना
- मासिक धर्म अनियमित होना
- मल मूत्र करते समय दर्द या दबाव
- हल्का खाने के बाद भी पेट भरा हुआ महसूस होना
- सीने में जलन होना
- अपच या खाना न पचना
- जी मिचलाना और उल्टी होना
यह लक्षण कम ज्यादा हो सकते हैं जो की महिला की प्रतिरोधक क्षमता और उसके स्वास्थ्य पर निर्भर करता है लेकिन अगर आपको उपरोक्त दिए हुए कुछ लक्षण महसूस हो रहे हो तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए| अब आगे हम इस समस्या का कारण और इसका इलाज कैसे होता है उसकी चर्चा करेंगे|
रक्तस्रावी ओवेरियन सिस्ट बनने का कारण
यह पूरी तरह से बता पाना मुश्किल है की ये सिस्ट किस कारण से बनता है ,लेकिन कुछ वैज्ञानिक अध्ययनों के मुताबिक रक्तस्रावी ओवेरियन सिस्ट के डेवलप होने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं –
- मासिक धर्म के दौरान, शरीर अंडे के बनने में मदद के लिए एक अस्थायी अंग बनाता है, जिसे कॉर्पस ल्यूटियम कहते हैं| यह कॉर्पस ल्यूटियम में कभी-कभी अंदर बहुत ज्यादा खून बहने लगता है, जिससे रक्तस्रावी अंडाशय की गांठ (हेमोरेजिक ओवेरियन सिस्ट) बन सकती है|
- ओवुलेशन रक्तस्रावी अंडाशय की गांठ (हेमोरेजिक ओवेरियन सिस्ट) अक्सर ओवुलेशन के दौरान बनती है | ऐसा तब होता है जब अंडाशय में एक फॉलिकल ,जिससे अंडा निकलता है, ठीक से फट नहीं पाता| इसके बजाय, यह थैली लगातार बढ़ती रहती है और उसमें तरल पदार्थ और खून भर जाता है|
- हार्मोनल इम्बैलेंस हार्मोन के स्तरों में बदलाव, खासकर एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन का संतुलन न होने के कारण महिलाओं में अंडाशय की गांठ बनने का खतरा बढ़ सकता है| अगर आपके अंडाशय में गांठ बनती रहती है तो इसकी संभावना है कि वह रक्तस्रावी बन जाये|
- मेडिकल कंडीशन अगर किसी महिला को पीसीओस (PCOS) या पीसीओडी (PCOD) जैसी कोई बीमारी है तो इसकी वजह से उसको गर्भाशय और अंडाशय में अनेक तरह की दिक्कतें आती है| ज्यादातर ऐसे सिस्ट स्वस्थ शरीर न होने के कारण पनपती है|
रक्तस्रावी ओवेरियन सिस्ट का उपचार
इस समस्या का उपचार आपकी मेडिकल इतिहास और गांठो की जटिलता पे निर्भर करता है | जितना बड़ा हेमोरेजिक ओवेरियन का आकार होगा उतना इलाज में समय लगेगा|
- 5 cm अगर गांठ का आकार, 5 cm से कम है और महिला को कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं या बहुत कम लक्षण हैं, तो इस स्थिति में डॉक्टर शायद यह सलाह देंगे कि थोड़ा इंतजार किया जाए और देखा जाए कि क्या गांठ अपने आप खत्म हो जाती है |
- सर्जरी अगर सिस्ट का आकार 5 cm या उससे बढ़ा है और अगर महिला को इससे ज्यादा तकलीफ और पीड़ा हो रही है तो डॉक्टर आपको सर्जरी के लिए कह सकता है जिसमे वह सिस्ट और ब्लड क्लॉट्स को निकाल देगा | ऐसी सर्जरी को लेप्रोस्कोपिक सर्जरी कहते है |
- ऊफोरेक्टोमी यह भी एक सर्जरी होती है| अगर महिला की ओवरी पूरी तरह से ख़राब हो गयी है तो परिस्तिथि को देखते अनुसार एक्सपर्ट्स ओवरी को ही निकाल लेते है | हालांकि ये बहुत ही कम मामलो में होता है की रक्तस्रावी ओवेरियन सिस्ट होने पर ऊफोरेक्टोमी सर्जरी का उपयोग किया जाये|
सारांश
ज्यादातर हेमोरेजिक सिस्ट के मरीज में देखा गया है कि बिना किसी इलाज के उनकी समस्या अपने आप ही ठीक हो जाती है इसलिए आपको ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है | 2016 में हेमोरेजिक ओवेरियन सिस्ट पर हुई एक स्टडी के मुताबिक अगर महिलाओं की गांठ 5 cm से कम है तो उसमे 85 प्रतिशत महिलाओं को किसी भी तरह का इलाज कराने की जरुरत नहीं पड़ी|
अगर आप अपने शरीर की सही तरह से देखभाल करती हैं तो इसकी संभावना कम हो जाती की यह आपको ज्यादा परेशान करे | फिर भी आपको ज्यादा रक्तस्रावी सिस्ट की दिक्कत हो रही है तो आपको डॉक्टर से चेकअप करा लेनी चाहिए|