जीवन कई रहस्यों और कठिनाइयों से भरा होता है और अपने जीवनकाल में पुरुष और महिलाए दोनों ही कई तरह की बीमारियों का सामना करते हैं| इनमें से एक ऐसी समस्या जो कई महिलाओं को उनके जीवन के किसी न किसी समय प्रभावित करता है Ovarian Cyst जिसको हम ओवेरियन सिस्ट या अंडाशय में गांठ के नाम से भी जानते हैं|
यह शब्द डरावना लग सकता है, लेकिन अंडाशय सिस्ट को अधिक व्यक्तिगत और मानवीय दृष्टिकोण से समझने की जरुरत होती है| यह समस्या महिलाओं के रोज की जिंदगी में ख़राब प्रभाव डाल सकती है इसलिए ओवेरियन सिस्ट को समझना और इसके होने का कारण समझना बहुत जरुरी हैं ताकि इससे प्रभावित होने वालों को आराम दिया जा सकें | लेकिन सबसे पहले हम ये जानेंगे की यह अंडाशय की गांठ होती क्या हैं?
अंडाशय की गांठ (Ovarian Cyst) क्या है?
महिलाओ के गर्भ में होने वाले यह समस्या मूल रूप से एक तरल से भरा थैली होता जो अंडाशय पर या उसके अंदर बनता है| यह एक सामान्य घटना होती हैं जो कि विशेष रूप से बच्चा पैदा करने के वर्षों के दौरान महिलाओ में पायी जाती हैं|
इसे अंडाशय की सतह पर विकसित होने वाला एक छोटा सा बुलबुला के रूप में आप समझ सकते है जो की अक्सर कोई ध्यान देने योग्य लक्षण पैदा नहीं करता है | यह तरल पदार्थ गांठ आकर में एक बहुत छोटी होती है और ऐसा कई लोगों में देखा जाता है की ये सिस्ट अपने आप घुल जाते हैं और इलाज की आवश्यकता नहीं होती है|
लेकिन कुछ ऐसे मामले होते है जिसमे लोगों के लिए वे चिंता का विषय बन सकते हैं| ऐसे में इसके बनने का सही कारण और इलाज जानना जरुरी है जिसके बारे में हम आगे चर्चा करेंगे| लेकिन अगर आपको Ovarian Cyst की वजह से गर्भधारण में समस्या हो रही है तो आप Dr. Rita Bakshi से इसके बारे में सलाह ले सकते है|
ओवेरियन सिस्ट (Ovarian Cyst) होने के कारण-
Ovarian Cyst महिलाओं में कई वजहों से होते हैं और यह ज्यादातर हार्मोनल असंतुलन और अन्य बीमारी की वजह से जुड़े हैं| इनके होने के यह कुछ कारण होते हैं –
पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम)-
पीसीओएस (PCOS) महिलाओं में पाए जाने वाली समस्या हैं जिसकी वजह से अंडाशय पर कई छोटे सिस्ट बन जाते हैं| पीसीओएस वाली महिलाओं में एंड्रोजन (पुरुष हार्मोन) का स्तर बढ़ा हुआ होता है और अक्सर अनियमित मासिक धर्म चक्र हो जाता है और इसकी वजह से गर्भ में सिस्ट का विकास हो सकता है|
फॉलिकुलर सिस्ट-
मासिक धर्म चक्र के दौरान जब अंडाशय में फॉलिकल परिपक्व हो जाते हैं ताकि ओव्यूलेशन के लिए तैयार हो सके। इन फॉलिकल्स में अंडे होते हैं और ये प्रजनन के लिए आवश्यक हैं तो कभी-कभी एक फॉलिकल अपना अंडा नहीं छोड़ता है और बढ़ता रहता है जिससे फॉलिक्युलर सिस्ट बन जाता है| इस तरह की गांठो का होना सामान्य हैं और आमतौर पर यह फॉलिक्युलर सिस्ट खतरनाक नहीं है|
कॉपर्स ल्यूटियम सिस्ट-
ओव्यूलेशन के बाद जब फॉलिकल जब नष्ट नहीं हो पाता हैं तो कॉपर्स ल्यूटियम सिस्ट में बदल जाता है | यह सिस्ट गर्भावस्था का समर्थन करने के लिए हार्मोन स्राव करता है और अगर गर्भावस्था नहीं होती है, तो कार्पस ल्यूटियम आमतौर पर टूट जाता है और गायब हो जाता है| लेकिनअगर ये टूटने के बजाय तरल से भर जाता है, तो यह कार्पस ल्यूटियम सिस्ट बन जाता है| इस प्रकार का सिस्ट भी आम तौर पर खतरनाक नहीं होता है और अक्सर अपने आप ठीक हो जाता है|
हार्मोनल असंतुलन-
हार्मोनल असंतुलन की वजह से भी कई तरह की बीमारी हो सकती हैं जैसे की पीसीओएस और एंडोमेट्रियोसिस जिसकी वजह गर्भाशय की परत पर और बाहर पर टिश्यू बन जाते है जो की कभी-कभी अंडाशय पर बढ़ते हैं | इससे एंडोमेट्रियोमा का निर्माण हो सकता है जो की पुराने खून से भरे सिस्ट होते हैं| एंडोमेट्रियोसिस हार्मोनल और सूजन में बदलाव का कारण बनता है जो सिस्ट के निर्माण में योगदान देता है|
ख़राब जीवनशैली–
हालांकि ख़राब जीवन कोई सीधा कारण नहीं होता गांठो के बनने का लेकिन तनाव के उच्च स्तर और जीवनशैली के कारक जैसे आहार और शारीरिक गतिविधि हार्मोनल संतुलन हो जाता है जिसकी वजह से अंडाशय के कार्य को प्रभावित कर सकते हैं| यह ज्यादातर अंडाशय सिस्ट के विकास को प्रभावित कर सकता है और असहज गांठ बन सकती है|
कुछ अन्य कारण के वजह से जैसे की किसी तरह का इलाज यह दवाएं का उपयोग की वजह से सिस्ट के निर्माण को प्रभावित कर सकती हैं| उदाहरण के तौर पे हार्मोन थेरेपी या गर्भनिरोधक विधियां अंडाशय की गतिविधि को बदल सकती हैं और सिस्ट के विकास में योगदान दे सकती हैं | यह समस्या और ज्यादा खतरनाक हो सकती अगर समय पर पता नहीं लगाया जाये तो आगे हम यह सब भी जानेंगे|
ओवरियन सिस्ट के लक्षण और संकेत-
- पेट या श्रोणि में दर्द- अगर आपको बीच-बीच में श्रोणि दर्द होता है तो अंडाशय सिस्ट का एक सामान्य लक्षण है | यह कम दर्द से लेकर तेज दर्द तक हो सकती है और निचले पेट या श्रोणि में महसूस हो सकती है | यह मासिक धर्म के दौरान या बाद में दर्द अधिक ध्यान देने योग्य हो सकता है, खासकर यदि सिस्ट बड़ा हो या फट जाए|
- पेट में सूजन- पेट में सूजन का आना एक सामान्य बात होती है| इससे पेट भरा हुआ या फूला हुआ महसूस हो सकता है और परिधि में वृद्धि के रूप में दिखाई दे सकता है| सूजन होती है क्योंकि सिस्ट पेट पर दबाव डाल सकता है, जिससे क्षेत्र सूजन या भारी महसूस हो सकता है|
- धर्म चक्र में समस्या- Ovarian Cyst भी मासिक धर्म चक्र को प्रभावित हो सकते हैं, जिससे अनियमित अवधि भी आ सकती है| इसमें मासिक धर्म का भारी या हल्का रक्तस्राव या चक्र की लंबाई में परिवर्तन शामिल हो सकता है| पीसीओएस से जुड़े सिस्ट महत्वपूर्ण मासिक धर्म अनियमितता का कारण बन सकते हैं ऐसा महसूस होने का मतलब हो सकता है की आपके ओवरी में सिस्ट बन गए हो|
- वजन बढ़ना- मोटापा आना भी एक संकेत हो सकता है|
शरीर में सूजन और फूलना-
खान पान में कमी आना-
अगर इनमे से कोई लक्षण दिखाए देते है तो इसका मतलब यह हो सकता है की गर्भाशय में गांठ या कोई समस्या है| इस बात की पुष्टि करने के लिए आप Risaa IVF से बात करके Ovarian Cyst के इलाज के बारे में जान सकते है|
अंडाशय में गांठ के उपचार क्या होते है?
अगर किसी को यह समस्या से गुजरना पढ़ रहा है तो वह इन कुछ चीजों का उपयोग करके आराम पा सकते है-
हार्मोनल असंतुलन का इलाज:
ऐसे मामलों में जहां हार्मोनल असंतुलन अंडाशय सिस्ट का कारण बन रहे हैं, इन असंतुलन को संबोधित करने के लिए दवाएं निर्धारित की जा सकती हैं जिनका काम होता है की एस्ट्रोजन उत्पादन को ख़त्म करना और एंडोमेट्रियोमा के आकार को कम करना|
सर्जिकल के माध्यम से:
बड़े सिस्ट जो की ज्यादा परेशानी करते है वे जो अन्य उपचारों से ठीक नहीं होते हैं ऐसे में सर्जरी आवश्यक हो सकती है | सिस्टेक्टोमी (Cystectomy), ओवेरेक्टोमी और लैपरोस्कोपी नाम की 3 सर्जरी होती है जो की गांठ के आकर के हीसभ से करि जा सकती है | किसी भी सर्जरी का चयन करने से पहले आपको अनेक विशेषज्ञ से सलाह ले कर ही आगे बढ़ना चाहिए|
दर्द से आराम:
अगर Ovarian Cyst असुविधा या श्रोणि दर्द का कारण बनता है, तो इस दर्द से राहत के लिए आप दवाओ का सहारा ले सकती हैं| साथ ही कुछ घरेलु उपाय जैसे की गर्म सिकाई से भी दर्द में आराम मिल जाता हैं|
निष्कर्ष-
Ovarian Cyst आम तौर पर एक सामन्य गांठ होती है जो की थोड़े देख भाल से दूर करि जा सकती है साथ ही अगर सही जीवनशैली रखी जाये तो आप इसे क़ाबू में रख सकते हैं|
एक सक्रिय और सूचित दृष्टिकोण अपनाने से आप इसके होने वालें नुकसान से बचाव कर सकते है। और याद रखें अगर सर्जरी का चयन करना तो उससे पहले पर्याप्त सलाह लेना जरुरी हैं। आप अपने स्वास्थ्य सलाहकार के साथ परामर्श करके इसका जांच करा लेनी चाहिए|