एक महिला के लिए संतान आने की सुचना उसकी जिंदगी की सबसे बड़ी खुश खबरी होती है| यह एक ख़ास अनुभव होता है जो हर महिला के जीवन में आता है। इस समय में, एक महिला के शरीर में कई बदलाव होते हैं और इनको समय से समझ कर उन्हें अपना ध्यान रखना चाहिए|
गर्भावस्था का पता लगाने के लिए एक प्रेगनेंसी टेस्ट किया जाता है और ये टेस्ट बिना अस्पताल जाये घर पे भी किया जा सकता है और आज हम इसी प्रेगनेंसी टेस्ट के बारे में गहराई से बात करेंगे|
प्रेगनेंसी टेस्ट क्या होता है|
प्रेगनेंसी टेस्ट एक तरह की जांच होती है जिसमें महिला के गर्भवती होने का पता लगता है| यह टेस्ट महिलाओं के अंदर “स्टोरिया” नामक एक हार्मोन की उपस्थिति को मापता है जिसे गर्भावस्था के संकेत के रूप में माना जाता है|
आम तौर पर ये टेस्ट घर पर “एक प्रेगनेंसी टेस्ट किट” के द्वारा किया जाता है जिसमें हमको शुरुआती गर्भावस्था के बारे में पता लग जाता है| उसके बाद डॉक्टर अपनी आगे की जांच प्रक्रिया शुरू करता है|
प्रेगनेंसी टेस्ट किट तथा प्रेगनेंसी सम्बंधित अन्य जांचों को गहराई से समझने से पहले आइये हम यह समझते हैं कि प्रेगनेंसी टेस्ट कब किया जाता है|
प्रेगनेंसी टेस्ट कब किया जाता है ( pregnancy test kab kiya jata hai )?
यह टेस्ट जिम्मेदारी के साथ तभी करना चाहिए जब आपको किसी भी तरह के गर्भावस्था के लक्षण दिखाई दे अथवा जब आपको अपने शरीर में कोई कुछ असामान्य सा महसूस हो रहा हो जैसे की:
पेट में दर्द या बेचैनी: अगर आपको पेट में असहनीय दर्द हो रहा है या फिर आप किसी तरह की बेचैनी महसूस कर रही हैं, तो इसे गर्भावस्था का संकेत माना जा सकता है।
मासिक धर्म (पीरियड) का नहीं आना: महिलाओ को हर महीने आने वाले पीरियड्स का ना आना गर्भावस्था का एक बहुत बड़ा संकेत है| अगर आपका मासिक धर्म अनियमित है या फिर आप इस बारे में संदेह रखती हैं, तो प्रेगनेंसी टेस्ट करना उचित है।
उल्टी का आना: अगर आपको किसी भी तरह की उलटी या फिर लगातार उबकाई की समस्या हो रही है तो इस मामले में भी आपको एक बार जांच कर लेनी चाहिए|
शारीरिक बदलाव या अत्यधिक थकान होना: अगर आपको हर समय शरीर में अत्यधिक थकान महसूस हो या फिर आपके शरीर में दर्द अथवा कुछ बदलाव महसूस होना भी एक गर्भावस्था की निशानी है|
स्तन में बदलाव: यदि आप स्तनों में असामान्य सूजन आ रही है या फिर आप उत्तेजित महसूस कर रही हैं, तो यह एक संकेत हो सकता है कि आप गर्भवती हो सकती हैं।
अगर आप इनमें से कोई संकेत अपने अंदर देख रही हैं जो की आपके शरीर में कई दिनों तक बना रह रहा हो तो आपको बिना समय गवाएं अपने घर पर ही एक प्रेगनेंसी टेस्ट तुरंत कर लेनी चाहिए| आगे अब हम घर पर प्रेगनेंसी जांच कैसे करते हैं उसके बारे में समझेंगे|
घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे करे?
आप अगर घर पर अपनी गर्भावस्था का पता लगाना चाहते हैं तो मार्केट में उपलब्ध ‘प्रेगनेंसी टेस्ट किट’ के माध्यम से पता कर सकते हैं| यह टेस्ट किट आप मेडिकल शॉप से जा कर आसानी से खरीद सकते हैं जिसका दाम भी ज्यादा नहीं होता है|
प्रेगनेंसी टेस्ट एक आसान तरीका है जिससे महिलाओं को अपनी गर्भावस्था की जांच करने में मदद मिलती है| यह घर पर ही सामान्य तरीके से की जा सकती है|
प्रेगनेंसी टेस्ट किट का कैसे इस्तेमाल किया जाता है|
इस टेस्ट किट को आप मेडिकल शॉप से खरीद कर लाइये और फिर उसके पीछे लिखे गए निर्देश को अच्छे से पढ़ कर समझ लीजिये|
उसके बाद पैकिंग से टेस्ट किट को निकाल कर बिना नुकसान पहुंचाए संभाल के रख लीजिये|
जिसके बाद दिए गए निर्देशों के अनुसार महिला अपने यूरिन की कुछ बुँदे उस टेस्ट किट पर डाल कर जांच करें|
टेस्टिंग किट की पैकिंग पर चित्र के द्वारा भी बताया गया होता है तो आप उससे भी देख कर सही जगह पे यूरिन के सैंपल डालें|
इसके बाद कुछ देर के लिए इंतज़ार करे|
अगर टेस्टिंग किट पर 2 (दो) खड़ी डंडियां बन जाती हैं तो इसका मतलब आपका रिजल्ट पॉजिटिव है और आप गर्भवती हैं|
अगर उसमें सिर्फ एक ही खड़ी डंडी दिखाई दे तो इसका मतलब है की आपका परिणाम नेगेटिव है|
गर्भवती होने के बाद की प्रक्रिया:
अगर आपका रिजल्ट पॉजिटिव आया है तो आपको तुरंत ही किसी अच्छे डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए| गर्भवती होने के बाद की प्रक्रिया बहुत कठिनाइयों एवं जटिलता से भरी होती है|
सोनोग्राफी – टेस्ट किट की सफलता के बाद सोनोग्राफी जैसी प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है| जिसमे एक जटिल मशीन द्वारा महिला के पेट के जांच की जाती है| इसमें वो अपने होने वाले शिशु को अलग अलग चरणों में गर्भ के अंदर ही बड़ा होते हुए देख सकती है|
अन्य जांच – प्रेगनेंसी टेस्ट के बाद कई अन्य तरह के टेस्ट भी जरुरी होते हैं जैसे की खून की जांच जिसमे कई तरह की संभावना को देखा जाता जो महिला और उसके होने वाले नवजात के स्वास्थ्य एवं विकास के बारे में बताता है|
रेगुलर चेकअप – जब एक महिला गर्भवती हो जाती है तो उसकी देखभाल और उसका रेगुलर चेकअप बहुत जरुरी हो जाता है, इसलिए इस बात पर आपको विशेष ध्यान देना चाहिए जिससे डिलीवरी के समय किसी तरह की समस्या न आये|
प्रमुख बातें जिनका ध्यान रखना चाहिए –
अगर आपको कोई लक्षण महसूस या दिखाई देते है तो आपको तुरंत प्रेगनेंसी टेस्ट घर पर कर लेना चाहिए| जितनी जल्दी आपको यह खबर पता होगी उतनी जल्दी आप देखभाल और डॉक्टर से परामर्श शुरू कर पाएंगे|
यदि आप इन सब लक्षणों का अनुभव करते है तो डॉ रिता बक्शी से संपर्क करे- रिसा आईवीएफ (Risaa IVF)
रिजल्ट पॉजिटिव आने के बाद महिला को सही मात्रा में पानी का सेवन करना होता है| गर्भावस्था में औरत के शरीर में पानी की कमी उसके और होने वाले बच्चे, दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकता है|
यह पूरे परिवार की जिम्मेदारी होती है की गर्भवती महिला एक स्वस्थ आहार का सेवन करे जिसमें सही मात्रा में विटामिन्स और मिनरल्स मौजूद हो, ताकि गर्भवती महिला को आवश्यक पोषण मिल सके|
गर्भावस्था एक तनावपूर्ण समय हो सकता है, इसलिए तनाव को कम करने के लिए स्वस्थ जीवनशैली ढूंढना महत्वपूर्ण है| सम्पूर्ण विश्राम, ध्यान, या प्रसव पूर्व योग करने से आप अपने शरीर और मानसिक परेशानियों से दूर रख सकती हैं|