पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS), जिसे अक्सर पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज (PCOD) भी कहा जाता है, यह एक महिलाओं में पाए जाने वाला रोग है जिसकी वजह से किसी भी महिला को अनेक तरह की समस्याएं हो जाती हैं| यह बीमारी ज्यादातर हॉर्मोनल बदलाव की वजह से बढ़ती उम्र के साथ हो जाती है|
पीसीओडी में शरीर पर अनचाहे बाल आना, वजन का बढ़ना, मुंहासे होना जैसी अनेक परेशानी का सामना करना पड़ता है जिससे उसके जीवन में अनेक बदलाव आते है| यह एक गंभीर समस्या है और इसके बारे में सही जानकारी होना बहुत जरूरी है और आज हम इसी को विस्तार से समझेंगे|
पीसीओडी (PCOD) कैसे होता है?
पीसीओडी होने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन आम तौर पर यह ख़राब दिनचर्या की वजह से होता है| व्यायाम ना करना, पोषित आहार ना लेना, शराब एवं सिगरेट का सेवन करना जैसे कई कारण होते हैं जोकि आगे जा कर आपके शरीर में हॉर्मोनल चेंज का कारण बनते हैं|
- हॉर्मोनल इम्बैलेंस – अगर आप सिगरेट, शराब या अन्य किसी तरह का नशा करती हैं तो यह आपके शरीर में हॉर्मोनल बदलाव लाएंगे जो कि आगे जाकर पीसीओडी या पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम जैसे रोग बन जायेंगे|
- जेनेटिक्स – आपके परिवार या पिछली पीढ़ी में किसी को पीसीओडी जैसी कोई बीमारी हो तो इसकी बहुत अधिक संभावना है की यह आपको भी हो सकती है|
जब जेनेटिक्स और/या हॉर्मोनल इम्बैलेंस की वजह से ओवरीज़ (अंडाशय) अपरिपक्व अंडे निकाल देती है तो इस समस्या को हम पीसीओडी कहते है| आगे हम यह समझेंगे की इस बीमारी का पता कैसे लगाएं और इसके लक्षण क्या होते हैं?
पीसीओडी के लक्षण
डॉक्टर्स के द्वारा बताये गए कुछ आम लक्षण-
- माहवारी की समस्याएं – अगर आपको आसमान पीरियड्स हो रहे हैं कुछ महीनों के अंतराल पर या एक महीने में एक से अधिक बार माहवारी का आना या फिर मासिक धर्म से जुड़ी और समस्याएं हो रही हैं तो यह पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज (PCOD) होने का मुख्य संकेत हो सकता है|
- अधिक एड्रोजेन का स्तर – इस बीमारी की वजह से महिला के अंदर एड्रोजेन का स्तर बढ़ जाता है जिसके वजह से चेहरे पर मुंहासे, बालों का आना या फिर बालों का झड़ना जैसी समस्याएं हो जाती हैं और अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई या महसूस हो तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए|
- गर्भधारण – अधिकतर लोग जिन्हे यह बीमारी है तो उन्हें ओव्युलेशन ना होने के वजह से संतान प्राप्त करने में समस्या आ सकती है|
- शरीर में बदलाव – अगर आपका बजन बढ़ रहा है और अधिक बाल उग रहे हैं या शरीर में अन्य बदलाव महसूस हो रहे हैं तो यह भी पीसीओडी का एक संकेत होता है|
- इंसुलिन प्रतिरोध – पीसीओडी वाले कई व्यक्तियों में इंसुलिन प्रतिरोध भी होता है, जिसका अर्थ है कि उनके शरीर को इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग करने में कठिनाई होती है। यह एक गंभीर समस्या भी है जिसके कारण आपको डायबिटीज जैसी नई समस्या बन सकती है|
पीसीओडी की जांच
अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षण में से कुछ भी महसूस होता है तो आपको तुरंत जांच करा लेनी चाहिए| इस बीमारी की जांच कई तरीके से होती है जैसे-
- सवाल जवाब – सबसे पहले डॉक्टर आपके मेडिकल इतिहास को देखेगा जिसमें वह आपके हॉर्मोनल बदलाव, बालो का बढ़ना, वजन नापने जैसे कुछ चीजों को देखेगा| डॉक्टर आपसे स्वास्थ्य और पीरियड्स से जुड़े कई अन्य सवाल करेगा| कुल मिलाकर वह आपसे पीसीओडी से जुड़े सारे लक्षण के बारे में पूछेगा|
- पेल्विक टेस्ट – इस टेस्ट के माध्यम से ओवरीज़ में कोई गांठ या सूजन है तो उसका पता लगया जाता है|
- सोनोग्राम – इस प्रक्रिया में गर्भाशय की मोटाई मापी जाती है| सोनोग्राम एक तरह का अल्ट्रासाउंड होता है जिसमे साउंड वेव का उपयोग करके पेट में किसी भी गांठ का पता लगाया जाता है|
- ब्लड टेस्ट – इस टेस्ट के द्वारा शरीर में एण्ड्रोजन और शुगर के स्तर का पता किया जाता है|
चिकित्सक आपकी स्थिति को समझ कर आपका टेस्ट करता है और उसके अनुसार पता लगता है कि आपको पीसीओडी है कि नहीं|
पीसीओडी का इलाज:
डॉक्टर्स के मुताबिक इस बीमारी का इलाज पूरी तरह तो संभव नहीं है लेकिन दवाओं से और देखभाल के माध्यम से इसका असर कम किया जा सकता है| सही आदतें अपनाने से आप इससे बचाव कर सकते हैं|
- दवाएं – मेटफॉर्मिन, क्लोमिफेन या अन्य गर्भनिरोधक दवाइयों का उपयोग करके महिला अपने अंदर बनने वाले एण्ड्रोजन को काबू में रख सकती है| दवाएं पीसीओडी के कारण होने वाले नुकसान जैसे कि दाने, मुंहासे, अस्वाभाविक बालो का उगना, मासिक धर्म चक्र में
- असामान्यता आदि से बचाती हैं|
- पोषण – ऐसी बीमारियों से बचने के लिए शरीर को सही पोषण का मिलना बहुत जरूरी है| प्रोटीन काभरपूर सेवन करना, कम से कम दिन में 30 ग्राम फाइबर को लेना, विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर फल एवं हरी सब्जियों को डाइट में रखना बहुत आवश्यक है|
- व्यायाम – अगर आपको इस बीमारी पर काबू पाना है तो आपको अपने शरीर पर काम करना पड़ेगा| आप एक स्वस्थ जीवनशैली को अपनाएं| व्यायाम और योग का इस्तेमाल नियमित रूप से करे जिसकी वजह से आपके शरीर में रक्त संचालन होगा और शुगर का स्तर ठीक रहेगा|
- परहेज – आपको अपना वजन घटाना होगा जिसके लिए आपको सॉफ्ट ड्रिंक, फ़ास्ट फ़ूड, तली और मसालेदार खाद्य पदार्थ का सेवन कम करना होगा| इन सबका सेवन शरीर में ज्वलनशीलता का भी कारण होती है|
कुछ प्रमुख बातें-
प्रेगनेंसी – पीसीओडी के कारण आपको संतान प्राप्ति में कुछ समस्या जरूर हो सकती है लेकिन यह कहना गलत होगा की इस बीमारी के वजह से आपके प्रेगनेंसी की संभावना पूरी खत्म हो जाती है| पीसीओडी प्रेगनेंसी की संभावना को प्रभावित जरूर कर सकता है लेकिन पूरी तरह से खत्म नहीं कर सकता|
- जिन महिलाओं को यह बीमारी है तो उनका विशेष ध्यान रखना बहुत जरुरी है| यह सिर्फ शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक दिक्कत भी देती है| सही समय पर भोजन, दवाइयां और चेकअप इन सब बातों का ख्याल उसके परिवार जन को रखना चाहिए|
- इस बीमारी का फैलने का एक बड़ा कारण है इलाज जल्दी न मिलना| महिलाएं अक्सर लोक लाज के डर से तथा अन्य कारणों से इसको अनदेखा करती है और फिर आगे जा कर यह बीमारी कही ज्यादा खतरनाक हो जाती है|
- अगर आपको कोई लक्षण महसूस हो रहे हो तो आपको तुरंत अपने स्वास्थ्य सहलाकर से बात करनी चाहिए और बिना समय बिताये किसी अच्छे डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए|