आईवीएफ (IVF) द्वारा गर्भधारण: जानिए पूरी प्रक्रिया
आईवीएफ (IVF) द्वारा गर्भधारण जानिए पूरी प्रक्रिया

एक परिवार में नई संतान आने का इंतज़ार सबको बेसब्री से रहता है| गर्भधारण की खबर मात्र से ही पुरे परिवार में खुशी और उत्साह का माहौल बन जाता है| लेकिन ऐसे कई कारण होते हैं जिनकी वजह से माता पिता बच्चा पैदा नहीं कर पाते हैं, तो इस समस्या का समाधान करने की प्रक्रिया है आईवीएफ (IVF) (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) |

आईवीएफ जिसे आम भाषा में टेस्ट ट्यूब बेबी भी कहते हैं, उन लोगों के लिए काम करती है जिनको गर्भधारण  में समस्या होती है| आज करीब 10 से 15 प्रतिशत ऐसे कपल्स हैं जिनको संतान प्राप्ति में अगर किसी तरह की समस्या होती है तो आईवीएफ  (IVF)उनके लिए वरदान के समान है और इसलिए आज हम इस बेहद ही उपयोगी प्रक्रिया को गहराई से समझेंगे|

IVF (आईवीएफ) क्या है ? 

आईवीएफ एक सहायक प्रजनन तकनीक (एआरटी) है, जिसमें शुक्राणु और अंडे को मनुष्य के शरीर के बाहर मिलन कराया जाता है| यह एक जटिल प्रक्रिया है जिसमे सबसे पहले अंडाशय में से अंडे को निकाल कर लेबोरेटरी में शुक्राणुओं के साथ मिलाकर निषेचन कराया जाता है। इसके बाद प्राप्त हुए निषेचित अंडे, जिसे भ्रूण या एम्ब्र्यो भी कहते हैं, को कुछ दिन के बाद गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है| अगर यह प्रक्रिया सही तरीके से पूर्ण हो जाती है तो गर्भावस्था प्राप्त हो जाती है| हालांकि इस प्रक्रिया के भी अपने कुछ नियम और सीमाएं होती हैं जिनको जानना भी जरूरी है जैसे: – कौन से लोग इस प्रक्रिया का इस्तेमाल कर सकते हैं?

आईवीएफ (IVF) किसके लिए है।

हर रोगी जो आईसीएसआई और आईवीएफ के बीच चुनाव करता है, उनको प्रजनन विशेषज्ञ से मार्गदर्शन जरूर लेना चाहिए| प्रजनन उपचार से पहले आपको हर चीज समझ कर ही चुनाव करना चाहिए ताकि यदि अगर भविष्य में किसी तरह की जटिलता आये तो आपके पास उसका उपाय हो|

IVF (आईवीएफ) की प्रक्रिया: 

इस प्रक्रिया में स्वास्थ्य परीक्षण और जांच से ले कर भ्रूण स्थानांतरण तक कई चरण शामिल होता है-

हार्मोनल तैयारी:

आईवीएफ (IVF) के उपचार को शुरू करने से पहले मरीजों को दवाइयां और इंजेक्शन लेने के लिए कह सकता है ताकि अंडाशय में सिस्ट के विकास को रोका जा सके तथा आपकी मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित किया जा सके| यह अंडे की प्राप्ति और निषेचन प्रक्रिया को सुगम बनाता है|

ओव्यूलेशन को प्रोत्साहन:

इस प्रक्रिया में महिला को इंजेक्टेबल हार्मोन दवाएं दी जाती हैं जो कि अंडों में परिपक्वता लाने और प्रोत्साहित करने के लिए दी जाती है| यह आपकी व्यक्तिगत चिकित्सा इतिहास, आयु, एएमएच स्तर, और पिछले आईवीएफ (IVF) प्रतिक्रियाओं के अनुसार ही दी जाती है|

जाँच एवं निगरानी:

इस प्रक्रिया में अल्ट्रासाउंड और हार्मोन के स्तर का मूल्यांकन किया जाता है| अंडाशय को 2 हफ्ते तक मॉनिटर करते हैं, उसके हिसाब से दवाएं दी बदली जाती है साथ ही अंडे का आकार एवं संख्या देखी जाती है और उसकी परिपक्वता को मापने के लिए मूल्यांकन किया जाता है|

ट्रिगर शॉट:

जब अंडे सही परिपक्वता को प्राप्त करने लगते हैं, तो अंडे को निकालने से 36 घंटे पहले एक ट्रिगर शॉट दिया जाता है ताकि पूरी तरह परिपक्वता को प्राप्त कर सके|

अंडे और शुक्राणु की निकासी:

अल्ट्रासाउंड जाँच में अंडाशय से अंडे को एक सुई के माध्यम से हल्के से निकाला जाता है ताकि असहनीय दर्द को कम किया जा सके| इसके साथ ही पुरुष से शुक्राणु भी ले लिए जाते हैं|

भ्रूण का विकास:

शुक्राणु और अंडे को लेबोरेटरी में निषेचित किया जाता है| एक बार निषेचन की प्रक्रिया हो जाये तो यह 2 से 3 दिन बाद एक भ्रूण में बदल जाता है|

भ्रूण स्थानांतरण:

भ्रूण को वापस गर्भाशय में डाल दिया जाता है जो की ताजा या फिर जमा हुआ/फ्रिज किया हुआ भी हो सकता है| इसके बाद पेल्विक एग्जामिनेशन के माध्यम से भ्रूण के विकास को मॉनिटर किया जाता है|

गर्भावस्था:

गर्भाशय के अंतर्भाग में भ्रूण की स्थापना के पश्चात एक खून जाँच के माध्यम से गर्भधारण की पुष्टि की जाती है, यह भ्रूण स्थानांतरण के 9 से 14 दिन के बाद की जाती है| आप चाहे तो यह जांच घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट किट से भी कर सकती हैं|

अगर डोनर एग्स का इस्तेमाल किया जाये तो यह प्रक्रिया अलग भी हो सकती है| इसमें ओव्यूलेशन को प्रोत्साहन, अंडे की निकासी और भ्रूण की देखभाल अलग प्रकार से होगी|

आईवीएफ में क्या कीमत लगती है ?

भारत मै आईवीएफ प्रक्रिया में लगने वाला अनुमानित खर्च करीब 50,000 हज़ार से 1, 50, 000 लाख तक आता है| इसमें लगने वाले दवाइयों का खर्च इस कीमत से अलग होता है जो की तक़रीबन 10 हज़ार तक हो सकता है| लेकिन ये कीमत आपके शरीर के स्वास्थ्य, आपकी प्रक्रिया, इन्शुरन्स और अस्पताल पर निर्भर करेगी|

IVF (आईवीएफ) प्रक्रिया में कितना समय लगता है ?

आईवीएफ (IVF) की अवधि करीब  6–8 सप्ताह तक की होती है और इसमें प्रारंभिक परामर्श. जो कि 8–14 दिनों की होती है, भी शामिल है| आईवीएफ प्रक्रिया में ओव्यूलेशन को प्रोत्साहन, अंडे की निकासी, निषेचन, भ्रूण स्थानांतरण, गर्भधारण और इसके बाद गर्भावस्था परीक्षण शामिल होते हैं| भ्रूण की स्थापना निषेचन के 2-5 दिन बाद किया जाता है|

आईवीएफ की आयु सीमा क्या है?

भारत में आईवीएफ Assisted Reproductive Technology (Regulation) Act 2021 (ART Act) के द्वारा क़ानूनी रूप से संचलित किया जाता हैं| ART एक्ट यह निर्धारित करता है की व्यक्ति की आयु क्या होनी चाहिए| ART एक्ट के मुताबिक आईवीएफ उपचार लेने की आयु निम्नलिखित हैं:-

माहिल: 21 से 50 वर्ष 

पुरुष: 26 से 55 वर्ष

सारांश:

पूरी प्रक्रिया जानने के बाद हम कह सकते हैं की आईवीएफ (IVF) का लाभ उन जोड़ों के मिल सकता जिनको बाँझापन की समस्या है| यह एक जटिल प्रक्रिया है और इसे सिर्फ विशेषज्ञों द्वारा ही किया जाता है|

आपको अपने स्वास्थ्य सलाहकार/ चिकित्सा से मिल कर सभी जटिलता के बारे में जान कर ही आईवीएफ (IVF) की प्रक्रिया का चयन करना चाहिए। आपको अपने साथी के बैठ कर बात करनी चाहिए और अपनी आयु और समय सीमा के अनुसार इसका लाभ लेना चाहिए|