पेट के निचले हिस्से में दर्द भ्रूण स्थानांतरण के बाद)
पेट के निचले हिस्से में दर्द भ्रूण स्थानांतरण के बाद

गर्भधारण प्राप्त करने का सफर कई माता-पिता के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण हो सकता है| भ्रूण स्थानांतरण भी एक उम्मीद और चिंता दोनों की स्थिति हो सकती है| सफल भ्रूण स्थानांतरण के बाद माता-पिता अपने बच्चे के आने का इंतजार करने लगते हैं। हालांकि, पेट के निचले हिस्से में दर्द भ्रूण स्थानांतरण के बाद होना एक सामान्य समस्या हो सकती है, जिसे लेकर माता-पिता को चिंता हो सकती है| 

साथ ही में ये समय चिंता का भी होता हैं की अगर कुछ समस्या हुई तो भ्रूण ख़राब हो कर बाहर निकल सकता हैं, ऐसा कई वजह से हो सकता है इसलिए सही जानकारी होना बहुत जरुरी होता हैं| भ्रूण स्थानांतरण प्रक्रिया के बाद, कई महिलाओं को पेट के निचले हिस्से में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि यह परेशान कर सकता है, लेकिन इसके संभावित कारणों को समझना जरूरी है जिसके बारे में हम विस्तार से चर्चा करेंगे की क्या ये दर्द के कई और नुकसान हैं|  

भ्रूण स्थानांतरण क्या होता है?

भ्रूण स्थानांतरण आईवीएफ प्रक्रिया में आने वाला एक महत्वपूर्ण चरण हैं| भ्रूण स्थानांतरण  प्रक्रिया में एक या अधिक भ्रूण को गर्भाशय में रखा जाता है| पूरी आईवीएफ प्रक्रिया का ये ससब जटिल हिस्सा होता है जो की एक विशेषज्ञ ही करता है और इसके दौरान वह टेस्ट ट्यूब में से सबसे अच्छा भ्रूण का चयन करता हैं और बारीकी से महिला के गर्भ में डाल दिया जाता है|

इसका लक्ष्य होता हैं की गर्भाधान को बढ़ावा देना और सफल गर्भावस्था प्राप्त करना| यह प्रक्रिया आम तौर पर एक पतली नली के माध्यम से भ्रूण को गर्भाशय में रख दिया जाता है| आम तौर पर पेट के निचले हिस्से में दर्द भ्रूण स्थानांतरण के बाद हो सकता जिससे कई तरह के संदेह हो सकते तो इसलिए आगे हम जानेंगे कि उस दर्द के क्या मतलब होता है| 

पेट के निचले हिस्से में दर्द भ्रूण स्थानांतरण के बाद होने क्या कारण होता है? 

इन कुछ मुख्य कारणों की वजह से भ्रूण स्थानांतरण के बाद पेट के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है- 

  • इम्प्लांटेशन: 

इम्प्लांटेशन शुरुआती गर्भावस्था की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसमें निषेचित भ्रूण गर्भाशय की दीवार पर अपने आप को अस्थापित कर देता है | निषेचन के लगभग 6-10 दिनों बाद होने वाली इस प्रक्रिया में भ्रूण गर्भाशय की दीवार में धँस जाता है और महिला के शरीर से जुड़ जाता है, जो की भ्रूण के पोषण लिए जरूरी है| 

भ्रूण के विकास और गर्भावस्था जारी रहने के लिए सफल इम्प्लांटेशन बहुत जरूरी है अगर यह असफल होता है, तो भ्रूण बाहर निकल जाएगा और मासिक धर्म शुरू हो जाएगा | इम्प्लांटेशन की प्रक्रिया के समय ही कुछ ऐसे  लक्षण जैसे की में हल्का ऐंठन और हल्का रक्तस्राव शामिल हो सकता है और पेट के निचले हिस्से में दर्द भी इसकी वजह से हो सकता है ऐसे में यह दर्द किसी बुरी खबर का संकेत नहीं है| 

  • हार्मोनल बदलाव: 

आईवीएफ प्रक्रिया में बहुत से हार्मोनल बदलाव होते हैं क्योंकि महिला का शरीर अंडाशय को उत्तेजित करने और गर्भाशय की परत को सहारा देने वाली दवाओं के साथ तालमेल बिठाता है| इन हार्मोनल उतार-चढ़ाव से कई लक्षण हो सकते हैं में से एक पेट में असहजता और दर्द भी शामिल है और यह बिल्कुल आम लक्षण होता हैं| 

  • ओवेरियन हाइपरस्टिम्यूलेशन सिंड्रोम (ओएचएसएस):

कभी-कभी अंडाशय को उत्तेजित करने वाली दवाओं के कारण ओवेरियन हाइपरस्टिम्यूलेशन सिंड्रोम (ओएचएसएस) हो सकता है| और यह ओएचएसएस की वजह से पेट में दर्द, सूजन और असहजता हो सकती है, हालांकि यह कम ही होता है | इस ओएचएसएस की समस्या के लिए आपको अपने डॉक्टर से सलाह या इलाज ले लेना चाहिए| 

  • प्रक्रिया के बाद सामान्य दर्द:

प्रक्रिया के बाद सामान्य असहजता या पेट में दर्द हो सकता है| भ्रूण स्थानांतरण के बाद कुछ ऐंठन या असहजता महसूस होना आम बात है और यह दर्द अक्सर मासिक धर्म की ऐंठन जैसा होता है| यह दर्द गर्भाशय में छेड़छाड़ या गर्भाशय ग्रीवा से कैथेटर गुजरने के कारण भी हो सकता है| 

  • गर्भाशय संकुचन:

भ्रूण स्थानांतरण के बाद महिला के गर्भाशय उपस्थिति के साथ संयोजन करते हुए सिकुड़ सकता है| इससे हल्का से मध्यम दर्द हो सकता है, जो आमतौर पर अस्थायी होता है। ज्यादातर यह हानिकारक नहीं होता और अपने आप ही दर्द सही हो जाता है| 

कितने समय के बाद डॉक्टर से इलाज लेना चाहिए?

पेट के निचले हिस्से में दर्द भ्रूण स्थानांतरण के बाद होना काफ़ी हद तक एक सामान्य दर्द होता है जिसमे बिना किसी डॉक्टर से घरेलू इलाज की मदद से निवारण किया जा सकता है| ज्यादातर मामलों में इस दर्द के कोई हानिकारक कारण नहीं होता है तो अगर आपको या आपके किसी जानने वाले को ऐसा दर्द होता है तो उसको यह पता होना जरुरी है| 

लेकिन अगर यह दर्द बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तो हो सकता है ये किसी बुरी खबर का संकेत जिनमे से एक गर्भधारणा खत्म भी हो सकती है और ऐसे समय पर आपको किसी डॉक्टर से जांच करा कर दर्द होने का सही कारण जान लेना चाहिए या फिर जिससे अपने आईवीएफ प्रक्रिया उनसे सम्पर्क करना चाहिए| 

  • ज्यादा तेज दर्द- अगर होने वाला दर्द बहुत ज्यादा है और सहन नहीं हो पा रहा है तो ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें| 
  • लगातार दर्द- अगर असहजता या दर्द कई दिनों तक रहती है या बढ़ती जाती है, तो अपने प्रजनन विशेषज्ञ से सलाह लें सकते है| 
  • अन्य लक्षणों के साथ-  अगर किसी महिला को भारी रक्तस्राव, बुखार, मतली या उल्टी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो किसी भी जटिलता को रोकने के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें| यह लक्षण भ्रूण के बाहर निकलने का हो सकता है|  

 अगर आपको इसमें से कोई दिक्कत है तो आप Dr. Rita Bakshi से इसके बारे में सलाह ले सकते हैं| 

निष्कर्ष- 

भ्रूण स्थानांतरण के बाद पेट के निचले हिस्से में दर्द होना आम बात है लेकिन हम Risa IVF में इस बात का विशेष ध्यान रखते हैं की ऐसे पेट में दर्द में का सही कारण बताये और इसका निवारण भी बताते हैं साथ ही में  ऐसे दर्द से निपटने के लिए आप कुछ उपाय घर पर ले सकते है जैसे की किसी गर्म चीज से सिकाई, आराम और पानी अधिक पिए| 

हालांकि पेट के निचले हिस्से में दर्द भ्रूण स्थानांतरण के बाद होना एक सामान्य है जो कि अधिकतर हानिकारक नहीं होती, लेकिन अपने शरीर को जानना महत्वपूर्ण है

और अगर आपको चिंता हो या गंभीर या लगातार लक्षण हों तो डॉक्टर से सलाह लें और हमेशा याद रखे की आईवीएफ की प्रक्रिया में आपको अपने डॉक्टर से बात करने में देरी नहीं करनी चाहिए  इसलिए किसी भी तकलीफ बढे तो आपको तुरंत दिखा लेना चाहिए| 

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